घूमने फिरने का मन किसका नहीं करता, लेकिन अपनी व्यस्त जीवनशैली से वक्त निकालना एक बहुत बड़ा टास्क माना जाता है। मन, शरीर और आत्मा को खुश करने के लिए ट्रैवलिंग सबसे अच्छी दवा मानी जाती है। जब भी घर में बैठे-बैठे बोर हो जाते हैं या स्ट्रेस फील हो रहा होता है, तो सभी की यही सलाह होती है कि 5 मिनट बाहर टहल लो या कही घूम आओ, मन हल्का हो जाएगा। इसके अलावा, ट्रैवलिंग करने से या बाहर घूमने से आपके अंदर एक कॉन्फिडेंट आता है, लोगों को जानने का मौका मिलता है, उस जगह की संस्कृति के बारे में पता चलता है और हां ट्रैवलिंग करने से स्वास्थ्य पर भी एक अच्छा असर पड़ता है।
घूमने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
हर जगह का मौसम अलग-अलग प्रकार का होता है, कहीं बेहद ठंड पड़ती है तो कहीं गर्मी का कहर देखने को मिलता है। ऐसी जगहों पर घूमने फिरने से आपका शरीर असल में मजबूत बनता है। साथ ही अलग-अलग जगहों की यात्रा करने से, आपका शरीर विभिन्न जीवाणुओं के अनुकूल बनता चला जाता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है और आप सामान्य बीमारियों के प्रति कम संवेदनशील होते चले जाते हैं।
यात्रा करने से दिमाग रहता है स्वस्थ
जितना अधिक आप यात्रा करते हैं, उतना ही ज्यादा आपको सीखने को मिलता है। एक नयी जगह पर आप नए लोगों से मिलते हैं, उनकी संस्कृति को जानते हैं और दुनिया में क्या हो रहा है, इसके बारे में अधिक जागरूक होने का मौका मिलता है। इन सभी नई चीजों से संज्ञानात्मक लचीलापन और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार होता है।मौसम, पर्यावरण, दिनचर्या और परिवेश में बदलाव से हमारे दिमाग और मन पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। घूमने फिरने से आप रिलेक्स महसूस करते हैं, कम स्ट्रेस में रहते हैं और मूड भी बेहद खुशमिजाज टाइप का रहता है।
ट्रैवल करने से डिप्रेशन का जोखिम कम होता है
डिप्रेशन इन दिनों एक बड़ी समस्या है जिसका सामना अधिकतर लोग कर रहे हैं। अवसाद या डिप्रेशन की समस्या सामाजिक दबाव, काम, निजी संबंध या अन्य कारकों के कारण हो सकती है, जिसकी वजह से आपका दिमाग और शरीर सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। जगह और दिनचर्या में बदलाव करने से व्यक्ति पर सकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ सकता है और अवसाद को दूर रखने में मदद मिल सकती है।जो लोग यात्रा करते हैं, उनका जीवलकाल बढ़ जाता है। चाहे आप तीर्थ यात्रा करें, किसी एडवेंचर स्पोर्ट का आनंद लें या शांति वाली जगह पर जाएं, ये सभी चीजें तनाव को कम करती हैं, मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करती हैं और बॉडी को शेप में रखती हैं। ये सभी कारक लंबे समय तक जीवन जीने की संभावना को बढ़ाते हैं।
जो एक्साइटमेंट घूमने की रहती है, शायद ही वो उत्साह कपड़े खरीदने या अन्य किसी चीज को करने से आता हो। ये जोश और एक्साइटमेंट तब तक बनी रहती है जब तक आप घूमने न चले जाए और घूमकर वापस न आ जाएं।