कुछ लोग साबुन से नहाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग बॉडी वॉश से। इस बात लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है कि आपकी त्वचा के लिए दोनों में से कौन सी चीज बेहतर है। वैसे तो आप अपने शरीर को साफ करने के लिए चाहें तो कुछ भी उपयोग कर सकते हैं क्योंकि इन दोनों का ही एक लक्ष्य होता है आपको साफ-सुथरा और ताजगी से भरा हुआ महसूस करना.दिनभर की थकान और पसीने से भी कई जर्म हमारे शरीर पर आ जाते हैं। उनसे छुटकारा पाने के लिए इन बॉडी वॉश का इस्तेमाल बहुत ही बढ़ियां उपाय है।
बॉडी वॉश से नहाने के फायदे
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनको बहुत अधिक झाग में नहाकर ही सुकून मिलता है। ऐसे में बॉडी वॉश के इस्तेमाल से नाहकर आप झाग से भरपूर बाथ का एक बेहतरीन अनुभव ले सकते हैं। जब आप लुफा पर बॉडी वॉश लगाकर इसका इस्तेमाल करते हैं तो आपको बहुत अधिक आरामदायक महसूस होता है। बहुत से लोगों को इस बात से परेशानी महसूस होती है कि साबुन से नहाने के बाद उनकी स्किन ड्राय और खुरदुरी हो जाती है। ऐसे में अगर आप नहाने में बॉडी वॉश का उपयोग करते हैं तो ऐसा नहीं होता हैं क्योंकि ज्यादातर अधिक्तर बॉडी वॉश मॉइश्चराइजिंग और हाइड्रेटिंग गुणों से भरपूर होते हैं। इसलिए बॉडी वॉश आपकी त्वचा को कोमल और स्मूद बनाते हैं। इसके साथ ही बहुत से बॉडी वॉश को आप फेस पर भी उपयोग कर सकते हैं।
लूफा का इस्तेमाल
लूफा का इस्तेमाल करने से स्किन एक्सफोलिएट होती है, ऐसे में डेड स्किन को हटाने में मदद मिलती है। लूफा की मदद से स्किन से गंदगी इंप्यूरिटी हटाने को मिलती है। बॉडी वॉश ट्रैवल फ्रेंडली होते हैं। साबुन को इस्तेमाल करने के बाद हर बार टिशू पेपर में लपेट कर रखने की जरूरत होती है, लेकिन बॉडी वॉश के साथ ऐसा नहीं होता । बस खोलों और इस्तेमाल करें। इनका इस्तेमाल यात्रा के उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसकी एक ड्रॉप भी नहाने के लिए काफी है। एक छोटी सी बोतल भी काफी लंबे समय तक चलती है। बॉडी वॉश की थोड़ी सी मात्रा खूब सारे झाग के लिए काफी है।
साबुन और बॉडी वॉश में हायजीन के मामले में क्या बेहतर है
इस सवाल के जवाब में बॉडी वॉश का नाम ही आ सकता है। क्योंकि साबुन के साथ एक दिक्कत होती है कि उसमें कई सारे हाथ लगते हैं और जितने ज्यादा हाथ होते हैं उतने ज्यादा कीटाणु भी आ जाते हैं। फिर जब आप इस साबुन को इस्तेमाल करते हैं तो ये कीटाणु आपकी त्वचा तक भी पहुंच जाते हैं। दरअसल गीले साबुन पर कीटाणु ठहरते भी जल्दी हैं। जबकि साबुन को सुखा कर रख पाना बिलकुल भी आसान नहीं होता है। इसके साथ ही कई बार साबुन पर बाल भी लगे रह जाते हैं। वो भी गंदगी के लिए काफी होते हैं। इस पर भी अगर कई लोग एक ही बाथरूम का इस्तेमाल करते हैं तो मानिए कि कीटाणु बस बढ़ते ही जाएंगे। ऐसे में बॉडी वॉश का इस्तेमाल बहुत जरूरी हो जाता है। इस तरह से कीटाणु होते ही नहीं हैं। अगर होते भी हैं तो बढ़ते तो बिलकुल भी नहीं हैं। बोतल में होने के चलते बॉडी वॉश का लिक्विड हाथों से टच नहीं होता है और हवा से भी सुरक्षित रहता है।
आज कल के वातावरण को देखते हुए हर काम इको फ्रेंडली तरीके से किया जा रहा है। इस मामले में साबुन को बेहतर माना जा सकता है। इसकी वजह है साबुन की पैकिंग। साबुन की पैकेजिंग ज़्यादातर बार कागज या फिर कार्डबोर्ड की होती है। इनको रीसाइकल करना आसान होता है। ये नालियों को ब्लॉक भी नहीं करते हैं।